अतिथि तुम कब जाओगे

                                 पाठ – 4
                       अतिथि तुम कब जाओगे – शरद जोशी
                                  मौखिक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 3. पति – पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे किया ?
उत्तर – पति ने स्नेह भीगी मुस्कराहट के साथ अतिथि को गले लगाया और उनकी पत्नी ने उन्हें सादर नमस्ते की । रात के भोजन को उनके सम्मान में उच्च माध्यम वर्ग के डिनर में बदल दिया । अगले दिन के भोजन को लंच की गरिमा प्रदान की और रात को सिनेमा दिखाया ।
प्रश्न 6. सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर क्या हुआ ?
उत्तर - सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर लेखक डिनर से खिचड़ी पर आ गए । उनके बीच बातचीत के जितने विषय थे सब चुक गए । अब लेखक अतिथि के जाने का इंतज़ार करने लगे ।
                                   लिखित प्रश्नोत्तर
 (क) 1. लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था ?
उत्तर – लेखक अतिथि को भाव – भीनी विदाई देना चाहता था । लेखक चाहते थे कि अतिथि उनके डिनर , लंच और सिनेमा आदि के द्वारा दिये गए आदर की छाप लेकर जाएँ । लेखक अतिथि को स्टेशन तक छोड़ने जाना चाहते थे ।
(क) 2. पाठ में आए निम्नलिखित कथनों की व्याख्या कीजिए –
2. (क) अंदर ही अंदर कहीं मेरा बटुआ काँप गया ।
उत्तर – लेखक की आमदनी कम थी और वे अपने परिवार का खर्च बहुत सावधानी और साधारण ढंग से चलाते थे । मेहमान के आ जाने और अधिक दिनों तक ठहरने के कारण लेखक की आर्थिक स्थिति पर सीधा असर पड़ने लगा था । इसलिए लेखक ऐसा सोचते हैं ।
2. (ख) अतिथि सदैव देवता नहीं होता , वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है ।
   (ड़) एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते ।
उत्तर – हमारे देश में अतिथि को देवता माना जाता है । लेकिन वर्तमान समय में अधिक खर्चों के कारण मेहमान का आना आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डालता है । लेखक भी अतिथि के आने से होने वाले खर्चों से भयभीत थे । अतिथि अगर देवता होता तो सब कुछ जानता और मेज़बान को वरदान देकर जाता । परंतु मनुष्य होने के कारण उसे मेज़बान की परेशानी का भान नहीं होता । मेहमान के कार्यों से लेखक का जो नुकसान हो रहा था, वह तो राक्षसों का गुण है ।
2. (ग) लोग दूसरों के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़े ।
उत्तर – हर व्यक्ति को अपना घर मधुर और प्रिय लगता है । अगर संसार में एक ही व्यक्ति का घर स्वीट होता तो बाकी लोग उसी के घर में घुसे रहते , क्योंकि सभी एक अच्छे और मधुरता भरे वातावरण में रहना चाहते हैं। लेकिन होम की स्वीटनेस तब काटने को दौड़ने लगती है जब कोई मेहमान अधिक दिनों तक ठहरता है। उस समय अपना घर भी पराया लगने लगता है और घर की आर्थिक स्थिति जो बिगड़ती है , सो अलग ।
2. (घ) मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी ।
उत्तर – लेखक घर आए अनचाहे मेहमान के अधिक दिनों तक रुकने से परेशान हैं , जो चार दिनों से उनके घर में डेरा जमाये हैं । लेखक चाहते हैं कि मेहमान स्वयं चला जाए । लेखक की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे मेहमान को और अधिक दिनों तक अपने घर में रख सकें । ऐसी स्थिति में मेहमान को जाने के लिए कहना लेखक की मजबूरी हो जाएगी , जो शोभा नहीं देता ।
प्रश्न (ख) 1. लेखक के लिए कौन सा आघात अप्रत्याशित था और उसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा ?  
उत्तर – लेखक अतिथि के जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे । लेकिन जब तीसरे दिन अतिथि ने अपने कपड़े धोबी को देने की बात कही तो यह आघात लेखक के लिए अप्रत्याशित था । इसका यह अर्थ था कि मेहमान अभी कुछ दिन और रुकेंगे । हमारे समाज में अतिथि को देवता माना जाता है । लेकिन अतिथि का ऐसा रूप देवता का नहीं राक्षस का होता है , जो मेजबान को इतने दिन तक परेशान करता है ।  
                         लेखक अतिथि की यह बात सुनकर क्षुब्ध हो गए और सोचने लगे कि अब तो इन्हें सीधे – सीधे जाने के लिए कहना पड़ेगा ।  
प्रश्न (ख) 2. सम्बन्धों का संक्रमण के दौर से गुजरना” । इस पंक्ति से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – लेखक ने बिन बुलाये अतिथि के आने पर भी अपनी क्षमता अनुसार उनका आवभगत किया । अपनी आर्थिक स्थिति की चिंता न कर डिनर , लंच व सिनेमा जैसे कार्यक्रमों से उनका मनोरंजन किया । उनके प्रति स्नेह व आदर का भाव रखा । मेहमान के अधिक दिनों तक रुकने से लेखक की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी थी । उन्हें लग रहा था कि अब उन्हें खुले तौर पर मेहमान को जाने के लिए कहना पड़ेगा । इस प्रकार एक मधुर संबंध में कड़वाहट आ जाएगी ।     
प्रश्न (ख) 3. जब अतिथि चार दिनों तक नहीं गया तो लेखक के व्यवहार में क्या – क्या परिवर्तन आए ?
उत्तर – पहले लेखक ने अतिथि के आगमन पर गर्मजोशी से उनका स्वागत किया । उनके सम्मान में अच्छे भोजन की व्यवस्था की व उन्हें सिनेमा दिखाया । लेकिन अपेक्षा से अधिक रुकने पर लेखक के व्यवहार में अनेक परिवर्तन आए , जैसे –
1. संबंधों की मधुरता समाप्त हो गई ।
2. डिनर और लंच से खिचड़ी खिलाने तक की नौबत आ गई ।
3. ठहाकों भरे वातावरण की जगह चुप्पी छा गई ।
4. लेखक को लगने लगा कि अब उन्हें अतिथि को स्पष्ट रूप से गेट आउट कहने के लिए विवश होना पड़ेगा ।
                             परीक्षापयोगी प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. अतिथि देवता के समान होता है वर्तमान समय में यह बात कहाँ तक तर्कसंगत है ?
उत्तर – प्राचीन काल से हमारे समाज में अतिथि को देवता मानने की धारणा चली आ रही है । लेकिन वर्तमान समय में बदलते मानवीय मूल्यों के कारण बहुत परिवरर्तन आयें हैं । कुछ लोग अतिथि के रूप में धोखा देते हैं । वह अपने स्वार्थों की पूर्ति करते हैं जिससे मानवता से विश्वास उठ जाता है । दूसरा कारण है कि लोग अपनी आर्थिक समस्याओं को सुलझाने में तथा अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में इतने व्यस्त हैं कि उनके पास समय का नितांत अभाव है । उनके पास मेजबानी करने का पर्याप्त समय नहीं है ।
2. लेखक ने पाठकों को क्या सीख दी है और उनके दिमाग में यह विचार क्यों आया कि अतिथि सदैव देवता नही होता ?
3. लेखक ने अतिथि को जाने का संकेत किन – किन उपायों से किया ?
4. अतिथि के न जाने अपर लेखक के मन में क्या – क्या विचार आ रहे थे ?



Comments

  1. Is 1xBet korean legit? | Sportsbet
    1xbet korean 샌즈카지노 are a lot of punters at the Asianbookies and have several offers 바카라 for 1xbet korean bettors. Their Asianbookie website is open 24 hours a day and is

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

GILLU