EVEREST

                                                        पाठ – 3
                 एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा – बचेंद्री पाल
                             मौखिक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 2. लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा ?
उत्तर – लेखिका को सागरमाथा नाम इसलिए अच्छा लगा क्योंकि स्थानीय स्तर पर नेपालियों द्वारा इसे सागरमाथा कहा जाता था । स्थानीय नाम होने के कारण लेखिका को यह नाम अच्छा लगा ।
प्रश्न 3. लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा ?
                   या
       नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा ?
उत्तर – नमचे बाज़ार से एवरेस्ट की तरफ देखने पर एक भारी बर्फ़ का फूल (प्लूम) लेखिका को दिखाई देता है , जो पर्वत शिखर पर लहराता हुआ ध्वज लगता है । नज़दीक से देखने पर यह दृश्य लेखिका को विचित्र रूप से आकर्षित करता है ।

                                  लिखित प्रश्नोत्तर

(ख) 2. हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या क्या परिवर्तन आते हैं ?
उत्तर – हिमपात बर्फ़ के खंडों के अव्यवस्थित ढंग से गिरने को कहते हैं । हिमपात ग्लेशियर से बनता है और ग्लेशियर बर्फ़ की नदी होती है । हिमपात से अनेक परिवर्तन आते हैं , जैसे –
       (क) मौसम में अनियमित और अनिश्चित बदलाव आते हैं ।
       (ख) रास्ते बंद हो जाते हैं ।
       (ग) सामान्य जीवन अस्त – व्यस्त हो जाता है ।
(ख) 4. लेखिका को देखकर की हक्का – बक्का क्यों रह गया ?
उत्तर – की लेखिका के हौंसले को देखकर हक्का – बक्का रह गया । लेखिका बर्फ़ीले मौसम में कैंप से बाहर निकल कर कई फुट नीचे उतरती हैं और अपने साथियों को चाय देती हैं । इन सब कार्यों के लिए लेखिका अपनी जान जोखिम में डालती हैं ।  
(ख) 5. एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए ? उनका वर्णन कीजिए ।
उत्तर  - एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल पाँच कैंप बनाए गए –
v  कैंप एक जो बेस कैंप था और हिमपात के ठीक ऊपर छह हज़ार मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया था ।
v  कैंप दो चढ़ाई के रास्ते में बनाया गया था ।
v  कैंप तीन लहोत्से की बर्फीली सीधी ढलान पर बनाया गया था ।
v  कैंप चार साउथ कॉल नामक जगह पर 7900 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया ।
v  कैंप पाँच अंतिम कैंप था जहाँ से एवरेस्ट का शिखर 2000 मीटर की दूरी पर था ।
(ग) आशय स्पष्ट कीजिए –
1.    एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी – कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए ।
उत्तर – एवरेस्ट दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है । एवरेस्ट की सीधी ढलान पर चढ़ना बहुत कठिन है । थोड़ी सी भी चूक का मतलब है – मौत । यह सोचना कि एवरेस्ट पर खतरा नहीं है , गलत है । मृत्यु भी इस महान उद्देश्य के सामने छोटी है ।
2.  सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे – चौड़े हिम – विदर में बदल जाने का मात्र बहुत डरावना था । इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
उत्तर – जब लेखिका का दल एवरेस्ट पर चढ़ने का प्रयास कर रहा था उस समय हिमपात होने लगा क्योंकि एवरेस्ट पर अनिश्चित परिवर्तन होते रहते हैं । पर्वतारोहण के समय मौसम बहुत डरावना हो गया था । दीवार के समान खड़े धरातल पर दरार पड़ गई थी जो तेज़ी से बढ़ती जाती थी । ऐसे हालात में एवरेस्ट पर चढ़ने की बात सोचकर ही मन काँप उठता है ।  
3. बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला । मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा , छोटी सी पूजा – अर्चना की और इनको बर्फ़ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता – पिता का ध्यान आया ।
उत्तर – इस घटना से लेखिका के धार्मिक स्वभाव का पता चलता है । लेखिका अपनी मंज़िल पाने पर भी अपने ईश्वर को नहीं भूलती हैं । पूजा – अर्चना के बाद वे माँ दुर्गा के चित्र व हनुमान चालीसा को लाल कपड़े में लपेट वहीं दबा देती हैं । उस समय बचेंद्री पाल को अपार आनंद का अनुभव होता है ।
                                     परीक्षापयोगी प्रश्नोत्तर
1. कैंप तीन में कितने लोग थे और वहाँ क्या दुर्घटना घटी ? (पेज 25 , 26)
2. लेखिका को उनके लक्ष्य तक पहुँचाने में अंगदोरजी का क्या योगदान रहा ?
3. ल्हाटु कौन था ? उसकी क्या भूमिका थी? (पेज 27)
4. आशय स्पष्ट कीजिए – अब तुम ऐसे संसार में वापस जाओगी जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुआ संसार से एकदम
  अलग होगा ।  



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